तुषारिका
तुषारिका कोई फर्क होगा संपत्ति और जिम्मेदारी में,एक संजोयी और दूसरी निभायी जाती है,वैसे कई रंग हैं इन् दोनों की भिन्नता को दर्शाते हुए,और समरूपता शायद एक- मूल ।जनन की मूल जननी, अथवा प्रजनन की स्रोत ज्वाला,प्रकृति की संगिनी, जिसने वात्सल्य और प्रेरणा को अटूट बंधन में है बाँधा ;वो कभी वृक्षों को आलिंगन में […]