Chanda Arya

I am an educator working in the University Library, G.B. Pant University of Agriculture and Technology, Pantnagar, Uttarakhand.

ये ज़िन्दगी, a poetry by Chanda Arya, Celebrate Life with Us at Gyaannirudra

ये ज़िन्दगी..

ये ज़िन्दगी.. जब कभी अजनबी सी लगे ये ज़िन्दगी..तू उड़ जाना हवा का हाथ पकड़ के..सुलझा देना बादलों की लटों को..बहुत हैं, उलझी हुईये ज़िन्दगी…..जब कभी अजनबी सी लगे ये ज़िन्दगी..तू बह जाना झरने की बूँदों के साथ..सिमटा लेना अपनी अंजुरी में,बहुत है, भटकी हुईये ज़िन्दगी…जब कभी अजनबी सी लगे ये ज़िन्दगी..तू चल देना घास […]

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एक अनमोल कथा

एक अनमोल कथा बालमन का भोलापनभोलेपन में एक नटखट सी छुवन,एक पंछी आज पकड़ लूँ मैंबंदी बना कर उसको अपना,साहस जरा सिद्ध कर दूँ मैं। वो जाल बिछा, वो सेंध लगी….वो घेराबंदी आरम्भ हुईभोला पंछी कुछ समझ न पाया,दाने की इस तृष्णा ने …..आज उसे कैसा फंसाया । शांत पड़ गया पिंजरे में वोटुकुर -टुकुर

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