सड़क, a poetry by Garima Mishra, Celebrate Life with Us at Gyaannirudra

सड़क

सड़क मेरे गाँव के बीच से गुज़रतीये टूटी-फूटी, मटमैली सड़क |जानती है किस्सा और कहानी,हर अधकच्चे-अधपक्के मकान की,हर खेत और हर खलिहान की | ये सड़क जानती है,कब कल्लू की गैय्या ने बछड़ा दिया था |कब रज्जु भैय्या ने ब्याह किया था |कब बग़ल वाली चाची ने दम तोड़ा था |कब चौरसिया ने अपनी लुगाई […]

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