स्त्री, a poetry by Himanshi Gautam

स्त्री

स्त्री स्त्री मात्र शब्द नही है ईश्वर कीसब कृतियो मे है सबसे खूबसूरत कृतिकिसी के घर आंगन की तुलसी हैतो किसी की बगिया का गुलाब हैस्त्री है तो संसार है स्त्री है तो संस्कार हैस्त्री मात्र मानव नही, करुणा, ममतासहनशीलता, दया, प्रेम, गरिमा की देवी हैस्त्री है गर पावन धरा पर, सरस्वती, लक्ष्मीतो है दुर्गा,चंडी,काली […]

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