Nidhi Jain

मैं अपने मन के भावों को कविता के रूप में व्यक्त करते समय बहुत आनन्दित, उत्साहित, प्रफुल्लित व नवचेतना का अनुभव करती हूं।

मन की उड़ान, a poetry by Nidhi Jain, Celebrate Life with Us at Gyaannirudra

मन की उड़ान

मन की उड़ान मन की उड़ान मत पूछिए……कभी यह गगन में उड़ता मस्त पंछी है,कभी यह भावनाओं में बहती सुस्त ग्रंथि है ।मन की उड़ान मत पूछिए……इच्छाएं प्रतिपल नई नई आती इसमें,दूर भवन तक सैर कर आती जिसमें ।कभी कोमल तो कभी कठोर बन जाता है,कभी मनोबल को ऊपर तो कभी नीचे ले आता है […]

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सादगी, a poetry by Nidhi Jain, Celebrate Life with Us at Gyaannirudra

सादगी

सादगी वो कहते हैं कि उनको सादगी पसंद है ।नारी की आन, बान, शान, जकड़ी वस्त्रों में भारी ।वो कहते हैं कि उनको सादगी पसंद है ।दिन रात का भेद है सारा,तिल तिल कर तड़पाता द्वेष है सारा ।वो कहते हैं कि उनको सादगी पसंद है।जन्म से मृत्यु तक लगी धर्म निभाने,विचलित ना होती कभी

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