कोरा कैनवास, a poetry by Ruchita Iyer

कोरा कैनवास

कोरा कैनवास उस कोरे कैनवास पर आज नक्श उतारा तेरा,तसव्वुर में जैसे हो तुम,उसका अक्स बेहद आफरीन है,बस उस तखय्युल को तकमील करना है lनूर कुछ ऐसा है उस तखय्युल का,की कोरे कैनवास पर एक माह-ए-कामिलकी तरह ज़ूरी हो तुम lजिसे कहा ना जा सके वो फितूर हो तुम,बेवज़ह, बस कुबूल हो तुम ,उस कोरे […]

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