मेरा वजूद, मेरी पहचान!, a poetry by Shreya Sharma

मेरा वजूद, मेरी पहचान!

मेरा वजूद, मेरी पहचान! बुरा जो देखन मैं चलाबुरा न मिलिया कोईजो दिल खोजा आपनामुझसे बुरा न कोई यूं ही खोजा मैंने ईश्वर कोमंदिर मस्जिद गुरुद्वारे मेंपर भूल गया था मैंवो तो बस्ते ही हैं हमारे में मेरी आत्मा उनका रूप हैमैं खुद उनका निर्माण हूंमेरी भक्ति में उनका नाम हैमैं खुद उनका वरदान हूं […]

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