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जय श्री राम (Jai Shree Ram)
Who is Ram? राम कौन हैं? – सीधे सरल शब्दों में कहा जाये तो श्री राम (Ram) भगवान है। लेकिन यदि मेरे लिए इस प्रश्न का उत्तर इस बात से ख़त्म हो जाता तो शायद इस प्रश्न के उत्तर के लिए ये यात्रा रुपी वृतांत लिखने की जरुरत ही ना होती। इसलिए अब अगर आप भी जानना चाहते है की राम (Ram) के और क्या क्या मायने हैं तो आइए चलते हैं इस शब्द यात्रा पर और जानते हैं अपने राम को …………
तो आइये शुरुआत करते हैं वर्तमान की उस तारीख (२२ जनवरी २०२४) से जिसके हम सभी साक्षी होने जा रहे हैं – अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य और दिव्य मंदिर का उद्घाटन। पहले तो आप सभी जनमानस को इस नयी शुरुआत के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाये। और अब, जब ये शुभ घडी करीब ५०० वर्ष के इंतज़ार और निरंतर संघर्ष के बाद आयी हैं तो उत्साह कई गुना और बढ़ जाता है।
सोशल मीडिया पर उपलब्ध इन चित्रों के द्वारा अयोध्या में भक्तों के उमड़े उत्साह और प्रभु श्री राम (Ram) के दर्शन के बाद आइये अब शुरुआत करते हैं उस यात्रा की जिसके लिए आज हम यहाँ एकत्रित हुए है। और ये यात्रा है अपने राम को जानने की …………
और वैसे भी कहते हैं कि
जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी।
जय श्री राम (Jai Shree Ram)
Know your Ram
तो सर्वप्रथम श्री राम, श्री विष्णु स्वरुप भगवान हैं जिन्होंने रावण रुपी दैत्यों के अत्याचार से पृथ्वी को बचाने के लिए मनुष्य रूप में अवतार लिया था।
इसके बाद श्री राम, बालक स्वरुप हैं जिन्होंने राजा दशरथ के घर जन्म लेकर बाल लीला की और सभी को आनंदित किया।
श्री राम (Ram), कुल के सम्मान को बढ़ाने वाले पुत्र और आज्ञाकारी शिष्य हैं जिन्होंने अपने पिता की सहमति और गुरु विश्वामित्र के परामर्श से राक्षसों का अंत किया। श्री राम, पति श्रापित देवी अहिल्या का उद्धार करने वाले नर रूप में नारायण है।
श्री राम, शांत चित्त एवं परिस्थिति के अनुरूप प्रतिक्रिया देने वाले पुरुष हैं जिन्होंने अपने सरल स्वभाव और स्थितिजन्य विवेक से भगवान परशुराम के क्रोध को भी शांत कर दिया था।
श्री राम, एक आज्ञाकारी एवं परिस्थिति को समझने वाले पुत्र हैं जिन्होंने अपने पिता की आज्ञा और कुल के सम्मान के लिए अपने राज्याभिषेक को छोड़कर १४ वर्ष का वनवास स्वीकार किया। इसी क्षण पर उन्होंने यह भी दिखलाया की कभी कभी वर्तमान में बन रहीं विषम परिस्थितियों से भविष्य में उद्देश्य पूर्ति के अवसर बनते हैं, इसलिए वर्तमान की विषम परिस्थितियों को विनम्र भाव से स्वीकार कर आगे बढ़ने में ही भलाई है।
उन्होंने इस विषम परिस्थिति में माता कैकेयी या किसी और को दोष ना लगाकर ये भी दिखाया कि ये समय की नियति है कि भविष्य में होने वाले उद्देश्य की प्राप्ति के लिए किसी ना किसी को वर्तमान में जिम्मेदार बनाया जाता है। इसलिए वर्तमान को समझो और अपने नियत लक्ष्य की ओर आगे बढ़ो। इस क्षण में उन्होंने यह भी दिखाया की किसी भी उद्देश्य की प्राप्ति यकायक नहीं होती। इसके लिए निरंतर प्रयास, संघर्ष और धैर्य के साथ परिस्थितियों का सामना करना पढता है।
इस बात को इस तरीके से भी समझ सकते हैं की यदि प्रभु श्री राम १४ वर्ष वनवास के लिए ना जाते तो केवट प्रसंग, माता सीता का हरण, शबरी प्रसंग, हनुमान जी से मिलान, सुग्रीव का राज्याभिषेक और ऐसे कई अनगिनत प्रसंग भी ना होते और यदि ये सब ना होते तो जिस उद्देश्य के लिए भगवान ने अवतार लिया था वो कैसे पूरा होता।
Ram as a Leader
श्री राम, एक कुशल नेतृत्व क्षमता वाले लीडर (Leader) हैं जो अपनी सेना का नेतृत्व, उत्साहवर्धन हमेशा आगे रहकर रहते हैं। वह जानते हैं की उनकी टीम के किस सदस्य की क्या क्षमता है और उस क्षमता को और कैसे प्रभावशाली बनाना है।
श्री राम, एक ऐसे लीडर (Leader) हैं जो अपनी टीम के हर सदस्य पर पूरा भरोसा करते हैं और उनके विचारों को जानने और समझने के बाद कोई निर्णय लेते है। वह ऐसे लीडर (Leader) हैं जो की अपनी टीम के हर सदस्य को अपनी प्रतिभा दिखाने और निखारने का मौका देते हैं। चाहे फिर अंगद को युद्ध से पहले रावण के पास दूत बनाकर भेजना हो या फिर लक्ष्मण जी के मूर्क्षित होने के समय हनुमान जी पर भरोसा कर के उन्हें विषम परिस्थतियों में दुर्गम कार्य के लिए भेजना हो, ये सब और ऐसे कई प्रसंगों के द्वारा उन्होंने कुशल नेतृत्व क्षमता को समझाया है।
प्रभु श्री राम एक आदर्श राजा हैं, जो अपनी प्रजा की भलाई को अपनी व्यक्तिगत भलाई से ऊपर समझते हैं और उचित न्याय करने में विश्वास रखते हैं।
तो श्री राम विष्णु स्वरुप, बाल रुपी, आज्ञाकारी पुत्र, कुशल नेतृत्व क्षमता वाले लीडर (Leader), मर्यादा पुरुषोत्तम एवं आदर्श राजा हैं। और कहते हैं कि……………
हरि अनंत हरि कथा अनंता, जेहि गावही बहु बिधि सब संता।
जय श्री राम (Jai Shree Ram)
Conclusion
तो अब ये यात्रा रुपी वृतांत यहीं समाप्त करते हैं और फिर जब हरि अनंत है और हरि की कथा भी अनंत हैं तो अपने अल्प ज्ञान से जितना समझ पाया उतना बता पाया अपने राम को।
अब इसमें कोई भूल चूक और त्रुटि रह गयी हो तो उसे दूर करने के लिए अपने स्नेह एवं आशीर्वाद रुपी विचार एवं सुझाव कमेंट कर सकते हैं और यदि ये यात्रा रुपी वर्णन अच्छा लगा हो तो इसे जनमानस से साझा करने में हमारी मदद करें।
जय श्री राम (Jai Shree Ram)
धन्यवाद्।
Disclaimer: इस आर्टिकल में प्रस्तुत विचार लेखक ने अपनी समझ से लिखे हैं और ये विचार पाठको के साथ ज्ञान साझा करने के उद्देश्य से लिखे गए हैं। इन्हें किसी और के विचारों से तुलनात्मक भावना से नहीं लिखा गया है।
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