चाय सी जिदंगी, a poetry by Atal Kashyap, Celebrate Life with Us at Gyaannirudra

चाय सी जिदंगी

चाय सी जिदंगी जिदंगी चाय सीनजर आती है,कभी दुखों की काली तोकभी सुखों की दूध जैसीचाय सामने आ जाती है,निकलती रहती है भाप भीगरम परिस्थितियों माफिक,सब्र की फूंक से धीरे-धीरेहलक से नीचे की जाती है,उड़ जाती है थकानकोशिशों के छोटे-छोटे घूँट से,सफलता की मिठास सेचेहरे पर मुस्कान आ जाती है,होता है ताजगी का अनुभवसंघर्ष की […]

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