चाय सी जिदंगी
चाय सी जिदंगी जिदंगी चाय सीनजर आती है,कभी दुखों की काली तोकभी सुखों की दूध जैसीचाय सामने आ जाती है,निकलती रहती है भाप भीगरम परिस्थितियों माफिक,सब्र की फूंक से धीरे-धीरेहलक से नीचे की जाती है,उड़ जाती है थकानकोशिशों के छोटे-छोटे घूँट से,सफलता की मिठास सेचेहरे पर मुस्कान आ जाती है,होता है ताजगी का अनुभवसंघर्ष की […]