तीन रंग से बनता है
तीन रंग से बनता है तीन रंग से बनता है,और चौथे से फिर सजता है…जय घोष भारत माता का,इसके सीने में गरजता है…तू चाहे कितना लाल करे,मेरे खून से इसके आँचल को,ये रखता है रंग केसररया,जो हर पल और निखरता है…तू काला कितना दामन कर,कितना ही इसे तू तार कर,ये रखता है रंग बिलकुल चिट्टा,चारों […]
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