Khayalein
सोचते-सोचते थक जाते हैं, मगर कभी सवालों के जवाब नहीं मिलतें हैं, यही की खयालें क्यों आते हैं? जिसमें हम हर वक़्त डूबे रहते हैं, कभी अंजाने में तो कभी जाने में, कभी ख़ाबों में तो कभी सपनों में। कभी बीते हुए कल के खयालें, तो कभी आने वाले कल के खयालें, कभी दर्द भरी काटें देकर, तो कभी आशायें की नयी किरण लेकर, कई खयालें सच हो जाते हैं, […]