Neelam Chhibber

उम्मीद के जुगनु हौसलों में जलाए रखना, a poetry by Neelam Chhibber

उम्मीद के जुगनु हौसलों में जलाए रखना

उम्मीद के जुगनु हौसलों में जलाए रखना हौसला जो डगमगाए कभी, तो उसे हिम्मत से संभाले रखना।आंख से आंसू ना गिरने पाए, उसे पलकों में दबाए रखना ।ढूंढ लेते हैं बहादुर अंधेरों में भी मंजिल,उम्मीद के जुगनू अपने हौसलों में जलाए रखनाजमीं से जुड़कर रहना, पर नजर आसमान पे रखना ।बुलंद इरादों के तरकश में, […]

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आज की नारी, a poetry by Neelam Chhibber

आज की नारी

आज की नारी कहने को बहुत नाम है मेरे देवी, मां, बहन और बेटी।किस्से, कहानी और किताबों में, ये दुनियां सम्मान बहुत है देती ।ख्यालों और कहानी से निकालकर जमीं पर इसको लाना होगा |नारी किसी पुरुष से कम नहीं, इसको हकीकत में दिखलाना होगा |तुम महिला हो, तुम अबला हो, तुम बच्ची हो, रहने

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होली कहें या प्रेम के रंग, a poetry by Neelam Chhibber

होली कहें या प्रेम के रंग

होली कहें या प्रेम के रंग प्रेम के रंग में सरोबार गुलाबी रंग,शांति के गहरे सागर में डूबा हरा रंग,शरारत और नजाकत से खिलखिलाता लाल रंग,उल्लास, ख़ुशी और आनंद से भरा होली का हर एक रंग ।एक पर दूसरा, दूसरे पर तीसरा, रंग के ऊपर रंग चढ़ा,सोने पर सुहागा, भांग का वो लोटा बना ।हंसने

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