Story telling

मृत्युभोज, a story by Nishi Singh, Celebrate Life with Us at Gyaannirudra

मृत्युभोज

मृत्युभोज मृत्यु एक सत्य!इंसान चाहे जितने भी हाथ पैर मार ले पर इस सत्य से मुख नहीं मोड़ सकता कि एक न एक दिन उसका अंत अवश्य होगा। पर इस सच्चाई को मानने से वह डरता है। डर का कारण होता है उसका मोहबंधन, जिन मोतियों को वह जीवन पर्यन्त धागों में पिरोता है, उसके

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बदबू, a story by Sanket karjule

बदबू

बदबू आनंद आने वाला था। ऐसा नहीं था कि वह दोनों पहली बार मिल रहे थे। फिर भी पता नहीं क्यूँ निद्रा को बेचैनी हो रही थी। हालांकि आनंद ने ही उसे बुलाया था। जबकि वह अभी तक आया नहीं था। वह पार्क में बैठी उसका इंतज़ार कर रही थी। आनंद आया। हाथ को पीछे

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