ऐसी तू बांसुरी
ऐसी तू बांसुरी।
सीधी सरल सुरीली तू। कर्णप्रिय रसीली तू।
ऐसी तू बांसुरी।
होंठों से छुई तू। हृदये में बस गयी तू।
ऐसी तू बांसुरी।
मेरी वन्दनी तू। कृष्ण की संगनी तू।
ऐसी तू बांसुरी।
पंचतत्व से बनी तू। देव लोक की ध्वनि तू।
ऐसी तू बांसुरी।
मेरा ध्यान तू मेरा योग तू। कृष्ण को समर्पित मेरा भोग तू।
ऐसी तू बांसुरी।
दिव्यता का साज़ तू। रुहु की आवाज़ तू।
ऐसी तू बांसुरी।
मेरी आत्मा मेरी आस्था तू। परमात्मा से जुड़ने का रास्ता तू ।
ऐसी तू बांसुरी।
गुणीजनों का आशीर्वाद तू। सुरों का प्रसाद तू।
ऐसी तू बांसुरी। ऐसी तू बांसुरी। ऐसी तू बांसुरी।
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