जो बात बीत गयी, poetry by Harsha Singh

जो बात बीत गयी

जो बात बीत गयी

जो बात बीत गयी, वो कहानी पुरानी है
नए दिन, नयी राहें बनानी हैं
हौसला रख बंदेया, चाहे जंग जीवन की हो
चाहे मुसीबतों में, आखिर में जीत का परचम लहराना है
चेहरे पर खिलखिलाती धूप लानी है
जो बात बीत गयी, वो कहानी पुरानी है
नए दिन, नयी राहें बनानी हैं
दिल दुखाने वालों को माफ़ कर
मन में जमी धूल साफ़ कर
जिंदगी का अनमोल तोहफा
तू हर रोज़ मुस्कुराकर स्वीकार कर
अपनों की टूटी हिम्मत बढ़ानी है
जो बात बीत गयी, वो कहानी पुरानी है
नए दिन, नयी राहें बनानी हैं
थोड़ी ज़िन्दगी खुद के साथ बिता ले
सबका ध्यान रखना, ये तो तेरी रोज़ की कमाई है
थोड़ा खुद पर भी खर्च कर
आखिर ये दौलत भी तो तूने, अपने तप त्याग से कमाई है
आज तेरे जीने की रात आयी है
जो बात बीत गयी, वो कहानी पुरानी है

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