सड़क
मेरे गाँव के बीच से गुज़रती
ये टूटी-फूटी, मटमैली सड़क |
जानती है किस्सा और कहानी,
हर अधकच्चे-अधपक्के मकान की,
हर खेत और हर खलिहान की |
ये सड़क जानती है,
कब कल्लू की गैय्या ने बछड़ा दिया था |
कब रज्जु भैय्या ने ब्याह किया था |
कब बग़ल वाली चाची ने दम तोड़ा था |
कब चौरसिया ने अपनी लुगाई को छोड़ा था |
तिवरिया के आम के बाग़ से
रेंगती हुई ये टेढ़ी-मेढ़ी सड़क..
सीधे निकलती है उस चौराहे पर,
जहाँ औंधे मुँह गिरा था श्यामलाल,
फिसलकर अपनी फटफटीया से |
जहाँ मिले थे नैन भोलू नाई के रमकलिया से |
इसने देखे हैं..
बरगद के नीचे चबूतरे पर बैठे पंचों के चेहरे ।
देखी हैं घर-घर की मुस्कराहटें और घाव गहरे ।
हर चूल्हे से निकलता धुआं भी |
गर्मी में झुलसता-रिसता कुआँ भी |
नन्हे शोर से गूंजती स्कूल की कच्ची दीवार भी |
बहाव के साथ बदलती मांझी की पतवार भी |
नहीं छिपी है इसकी नज़रों से..
नदिया से लौटती सर पर सजी गघरी |
और कटाई के बाद सूखती जवार-बजरी |
द्वारे पर बैठी आँखों में डाकिये का इंतज़ार |
आँगन में धूप सेंकते पापड, मिर्ची, अचार |
जब गए साल खेतों में मोर नहीं झूमा था ।
और बूँदों ने फसलों को नहीं चूमा था…
इसकी पथरीली आँखे भी भर आयीं थीं |
अपनी बेबसी पर तब ये भी लजाई थी |
इस साल किसानों की फिर उम्मीद बँधी है |
गाँव की हर आँख आसमान पर जड़ी है |
इस मूक पहरेदार का आज रोता कलेजा है |
दुआओं का लिफाफा इसने बादलों को भेजा है |
मेरे गाँव के बीच से गुज़रती,
ये सड़क सब जानती है..
सब जानती है ये सड़क…
Garima Mishra is an independent writer and consultant based in Pune. She worked as a journalist for The Indian Express for more than 15 years. She also worked as a research assistant for Sunanda Mehta on her biography, The Extraordinary Life & Death of Sunanda Pushkar. According to Garima, poetry is a rhythmic expression of emotions that cannot be expressed in any other way and can be found in everyday life. Several of her poems may be found in the poetry book Udaan Naye Parindon Ki. Furthermore, several of her poems have been broadcast on CIUT.FM, a Canadian radio station. Along with seven other women artists, she collaborated on the poetry project Mujh Jaisi. It features her poem Mujh Jaisi in Marathi, English, French, Malayalam, Punjabi, and Assamese. Her poetry and short story were just published in the book Echoes of Unheard. Garima frequently performs at poetry gatherings held in Pune, and she will soon start her own poetry club. In addition to poetry, she is also passionate about reading, films, music, and fitness. Her poetry podcast LafzbyGarima is available on Spotify.
Very Rustic. Simplicity of village life.