उम्मीद के जुगनु हौसलों में जलाए रखना
हौसला जो डगमगाए कभी, तो उसे हिम्मत से संभाले रखना।
आंख से आंसू ना गिरने पाए, उसे पलकों में दबाए रखना ।
ढूंढ लेते हैं बहादुर अंधेरों में भी मंजिल,
उम्मीद के जुगनू अपने हौसलों में जलाए रखना
जमीं से जुड़कर रहना, पर नजर आसमान पे रखना ।
बुलंद इरादों के तरकश में, कोशिशों के तीर रखना |
हार कर, गिरकर, फिर संभलने का जज्बा बनाए रखना ।
जीतना है मुझको, जीत कर ही रहूंगा,
खुद पर ये मजबूत यकीन बनाए रखना ।
मेहनत से कभी गुरेज न करना ।
किस्मत में नहीं है, ये कह कर कभी खुद को न छलना ।
गिरने से ना घबराना कभी, गिर के उठना,
उठ के संभालना, संभल के फिर दौड़ना ।
बेहतर से बेहतर की तलाश रखना,
अगर मिले नदी तो समंदर की आस रखना
बिना रुके, बिना थके, सदा आगे ही आगे बढ़ना ।
जमीं भी तुम्हारी, जमाना भी तुम्हारा,
जहां तक उड़ान भर सको सारा आसमां होगा
तुम्हारा ही तुम्हारा ।।।
Myself Neelam Chhibber, working in an engineering college as HR Manager. I love kavitas and poems.