जिंदगी
ए जिंदगी क्या है तू,
वसंत में खिली सरसों की पीली फसल सी लहराती है तू,
कभी नवजात शिशु की पहली किलकारी में गाती है तू,
ग्रीष्म ऋतु में तपती धूप सी इठलाती है तू,
कभी युवा के भीतर दृढ़ निश्चय को छलकाती है तू,
पतझड़ में गिरे भूरे पत्तों की धीरता को दर्शाती है तू,
कभी मध्य आयु की परिपक्वता को सराहती है तू,
शीत में जमी बर्फ की सफेद चादर को पिघलाती है तू,
कभी वृद्धावस्था की प्रज्ञता को कफ़न में दफ़नाती है तू,
ए जिंदगी क्या है तू।
जिंदगी तेरे रूप अनेक,
हर मोड़ पर सिखलाती है सीख नई एक,
जो मनुष्य तेरे इंतिहान को पार गया,
समझो जीवन को अपने वह सवार गया,
बूंद-बूंद मिलकर बनी लहरो के समान है तू,
नाव की मांझी और पतवार भी है तू,
दर्पण में ब्रह्मांड की परछाई सी दृश्य मान है तू,
निरंतर चलते कालचक्र की रफ्तार है तू
ए जिंदगी जिवनावसान में शीतल और शान्त ऐहसास है तू ।
सभी कला प्रेमियों को मेरा प्रणाम। मेरा नाम शीतल शर्मा है । मैं जो कविता प्रस्तुत करने जा रही हू, यह मेरी लिखी हुई कविताओं में सबसे खास कविता है । आशा है आप सभी को भी पसंद आए।
उत्तम कविता संग्रह
Very deep and meaningful poem.
Good poem
Very nice 👌 👍
अति सुन्दर रचना। हर पंक्ति में शब्दो को गहराई से पिरोया है। ये निरंतरता बनी रहे।
Amazing poem ❤️
Afreen Afreen
Dil ko chune wali Kavita he bahut Shanti mili Mann khush ho Gaya.
Very nice 💙
Very good poem
Very 🙂☺️🙂🙂 nice
Choice of words 👍👍👍👍
उभरते हुए कलाकार ऐसे ही अपने शब्दों से लोगों का दिल जीत ते रहिए❤️👏
कवि जीवन के बहुत गहरे ज्ञान का प्रदर्शन करते हैं। खूबसूरती से समझाते हैं कि जिवन से जुड़ी चीजें कैसे होती हैं और वह कैसे काम करता है। कविता के कई अंश मुझे जीवन के वास्तविक अर्थ की अत्यंत समझ करने को मजबूर करते हैं।