मंज़िल की चाह
मंजिल पाने की चाह हैं,
तुम आगे तो बढ़ो, सामने ही राह है
बस बढ़ते चलना, तुम रुकना मत,
आगे तो कठिनाइयाँ आएँगी, तुम डरना मत।
मुलाकातें तो बहुत लोगों से होगी, उनमें से कुछ अच्छे होंगे और कुछ बुरे
घबराकर पीछे मत मुड़ना,
बस, याद रखना तुम्हें सिर्फ अच्छे के साथ है जुड़ना ।
बढ़ते चलो, जरूर मिलेगी सफलता,
बस डरना मत की मिलेगी ही सिर्फ विफलता ।
तुम आगे तो बढ़ो, क्योंकि मंजिल पाने की चाह है,
सामने ही राह है।।

Myself Kumari Janvi
I am the student of class 11th
I am continuing my schooling from Arrah city in Bihar