श्रद्धा गीत भारतवीरों के लिए
कुछ मौन रहे मन के
आत्मा को प्रकाशित कर गए,
कुछ मौन हुए मुखर
जग को आलोकित कर गए।
हर रूप, हर ढंग में वे
उपस्थिति अपनी दर्ज करा गए,
नवदृष्टा , नवसृष्टा बन
इस धरा को वन्दे मातरम बना गए,
दिखा गए पथ
जीवन मूल्य सिखा गएl
तुम रहो चाहे मौन
या मुखरित हो, प्रकट करो,
किन्तु एक दिया तो अवश्य जलाओ
जो आलोकित करे पथ को,
या मन का अंधकार मिटा दे
जाते हुए भी वे हमें यह पाठ सिखा गएl
I am an educator working in the University Library, G.B. Pant University of Agriculture and Technology, Pantnagar, Uttarakhand.