हाँ ........साँस चल रही है अभी, a poetry by Chanda Arya, Celebrate Life with Us at Gyaannirudra

हाँ साँस चल रही है अभी

हाँ साँस चल रही है अभी

जब मुस्कुराहट आती है होठों पर,
लगता है साँस चल रही है अभी,
बेजान सी ज़िन्दगी फिर से जीने लगती है जब………………….
उसकी बेटी कहती है भविष्य के प्रश्न पर……
माँ, मैं तो एस्ट्रोनॉट बनूँगी,
फिर माँ की आँखों में तिरते डॉक्टर के सपने को,
ताड़ते हुए मासूमियत से कहती है;
अगर टाइम मिला…….. तो डॉक्टर भी बन जाऊँगी।
तब मुस्कुराहट आ जाती होठों पर,
लगता है साँस चल रही है अभी,
रुकी हुई सी ज़िन्दगी चलने लगती है जब…………………..
उसकी छोटी सी परी कहती है;
माँ इस बार एक छोटा सेंटा आएगा……………..
और तुम्हें गिफ्ट देगा;
जुराब रखना न भूलना,
और अचानक वो महसूस करती है एक संबल,
देखती है अपनी परी को सेंटा में तब्दील होते हुए,
तब मुस्कुराहट आ जाती है होठों पर,
लगता है साँस चल रही है अभी।
उजाला सा बिखरने लगता है आस – पास के अंधेरों में,
जब उसकी बातें सुनकर कोई कहने लगता है;
अब कभी उदास न होना………………….
‘आई एम हियर टु चीयर यू’,
चाहे न हो कभी वो पास,
तब मुस्कुराहट आ जाती है होठों पर
लगता है साँस चल रही है अभी।

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