ऐ मेरे देश के नौ जवानो, क्यू भुल गए तुम इन भगवानो को सोये है घर पर तुम्हारे बूढ़े माँ-बाप, और मना रहे हो तुम जन्मदिन दोस्तों के साथ I समय नहीं है, बात करने की तुम्हारे पास बना लिया है तुमने गैर्ल फ्रेंड और दोस्तों को ख़ास I ऐ मेरे देश के नौ जवानो, क्यू भुल गए तुम इन भगवानो को.. भुल गये, तुम वह दिन और वह बात जब बाप जगा और माँ रोई थी पूरी रात I तुम्हे याद न रहा बाप का वह कंधा और माँ का हाथ, तुम बदल गए मौसम की तरह समय के साथ I ऐ मेरे देश के नौ जवानो, क्यू भूल गए तुम इन भगवानो को.. पत्नी के आते ही रंग बदल गए तेरे, तुमने कर दिया माँ-बाप को अकेले I तेरी कड़वी बाते, उनका मन मार गये, तेरे नासुर शब्द ,उन्हें ज़िंदा गाढ़ गये I ऐ मेरे देश के नौ जवानो, क्यू भुल गए तुम इन भगवानो को…. याद रख, एक दिन तेरा भी समय आएगा, तेरी ही पडछाई ,यह दौर तेरे जीवन में भी लायेगा भुल मत यह बात, यहाँ का हिसाब यही करना है I सारी दौलत यही छोड़ के,खाली हाथ जाना है I ऐ मेरे देश के नौ जवानो, क्यू भुल गए तुम इन भगवानो को…….. Vasudev DhakateI am a teacher. gyaannirudra.com/